Tuesday, December 25, 2007

धन्य है जिदंगी यह हमारी...

गायत्री परिवार का यह सुंदर भजन मुझे बहुत प्रिय है । आप भी इसे नीचे दी गई लिंक पर सुन सकतें हैं । लिंक पर जाकर गाने पर क्लिक करें । साथ में नीचे भजन के बोल भी दिये गये हैं । धन्यवाद...

http://multimedia.awgp.org/?mission_vision/Songs/bhaavsuman



धन्य है जिदंगी यह हमारी नाथ पाकर सहारा तुम्हारा
हे प्रभो द्बार पर हम खड़े हैं शेष जीवन है सारा तुम्हारा

हर तरफ़ था भयंकर समंदर जीर्ण थी नाथ जीवन की नैया
क्या पता यह कहाँ डूब जाती जो ना मिलता किनारा तुम्हारा
धन्य है जिदंगी...

कामना है तुम्हें जिदंगी में सुन सकें जागते और सोते
हर निमिष बाँसुरी के सुरों सा पा सकें हम इशारा तुम्हारा
धन्य है जिदंगी...

तेज तुफ़ान में आँधियों में पाँव जब ये कभी डगमगायें
थाम ले हाथ बढ़कर हमारा हाथ भगवन दुबारा तुम्हारा
धन्य है जिदंगी...

पुत्र सा प्यार पाते रहें हम पाँव निर्भय बढ़ाते रहें हम
जन्म-जन्मांतरों तक रहे ये नाथ रिश्ता हमारा तुम्हारा
धन्य है जिदंगी...

बुद्धी वह दो की जो भी मिला है लोकहित में उसे हम लगायें
ताकी भगवन हमारे लिये भी फ़िर खुला हो दुआरा तुम्हारा

धन्य है जिदंगी यह हमारी नाथ पाकर सहारा तुम्हारा
हे प्रभो द्बार पर हम खड़े हैं शेष जीवन है सारा तुम्हारा

धन्य है जिदंगी यह हमारी नाथ पाकर सहारा तुम्हारा
शेष जीवन है सारा तुम्हारा
नाथ पाकर सहारा तुम्हारा....

तुम बेसहरा हो तो...

मुझे फ़िल्म अनुरोध का गाना "तुम बेसहारा हो तो..." बहुत पसंद है । आप इस गाने को नीचे दी गई लिकं से सुन सकते हैं । लिंक पर जाकर गीत select करके play बटन पर click करें । साथ में गाने के बोल भी दिये गये हैं ।

http://www.youtube.com/watch?v=0vcZxELBvZ0

तुम बेसहरा हो तो किसी का सहारा बनो
तुम को अपने आप ही सहारा मिल जायेगा
कश्ती कोई डूबती पहुँचा दो किनारे पे
तुम को अपने आप ही किनारा मिल जायेगा
तुम बेसहारा हो तो ...

हँस कर ज़िन्दा रहना पड़ता है
अपना दुःख खुद सहना पड़ता है
रस्ता चाहे कितना लम्बा हो
दरिया को तो बहना पड़ता है
तुम हो एक अकेले तो रुक मत जाओ चल निकलो
रस्ते में कोई साथी तुम्हारा मिल जायेगा
तुम बेसहारा हो तो ...

जीवन तो एक जैसा होता है
कोई हँसता कोई रोता है
सब्र से जीना आसाँ होता है
फ़िक्र से जीना मुश्किल होता है
थोड़े फूल हैं काँटे हैं जो तक़दीर ने बाँटे हैं
हम को इन में से हिस्सा हमारा मिल जायेगा
तुम बेसहारा हो तो ...

न बस्ती में न वीरानों में
न खेतों में न खलिहानों में
न मिलता है प्यार बज़ारों में
न बिकता है चैन दुकानों में
ढूँढ रहे हो तुम जिस को
उस को बाहर मत ढूँढो
मन के अन्दर ढूँढो प्रीतम प्यारा मिल जायेगा
तुम बेसहारा हो तो ...