Monday, June 11, 2007

हमारी ही मुठ्ठी में...

प्रहार फ़िल्म का यह गीत निराशा के क्षणों में मुझे बहुत प्रेरणा देता है । नीचे दिये गये लिंक से आप भी इसे सुन सकतें हैं । लिंक पर जाकर गीत select करके play बटन पर click करें ।

http://www.youtube.com/watch?v=MUmPjIxdAmE

साथ ही इस गीत के बोल हिन्दी में नीचे प्रस्तुत किये गये हैं । आशा है आपको पसंद आयेगें.......धन्यवाद ।

हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा
जब भी खुलेगी चमकेगा तारा
कभी ना ढले जो, वो ही सितारा
दिशा जिस से पहचाने संसार सारा

हथेली पे रेखायें हैं सब अधूरी
किस ने लिखीं हैं नहीं जानना है
सुलझाने उनको ना आयेगा कोई
समझना है उनको ये अपना करम है

अपने करम से दिखाना है सब को
खुद का पनपना, उभरना है खुद को

अंधेरा मिटाये जो नन्हाँ शरारा
दिशा जिस से.....


हमारे पीछे कोई आये ना आये
हमें ही तो पहले पहुँचना वहाँ है

जिन पर है चलना नई पीढ़ियों को
उन ही रास्तों को बनाना हमें है
जो भी साथ आये उन्हें साथ ले ले
अगर ना कोई साथ दे तो अकेले
सुलगा के खुद को मिटा दे अंधेरा
दिशा जिस से.....