Friday, November 27, 2009
राम सिया राम सिया राम जय जय राम....
हो, मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करि तरक बढ़ावें साखा
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, जेहिकें जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलइ न कछु सन्देहू
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, हरि अनन्त हरिकथा अनन्ता
कहहिं सुनहिं बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
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