Sunday, December 26, 2010

हनुमान-कालनेमी संवाद...

राम-सिया-राम सिया-राम सिया-राम
मैं तो राम ही राम पुकारूँ....

कित्थे आवे कितको जावे
बाबा ने सब बेरा रे
जानो हे बड़ी दूर बटेयू
कर ले रैन-बसेरा रे

तु क्यूँ चिंता करता है
करना है सो राम करे
ऎसी भगवान की मरजी है
तु थोड़ा विश्राम करे
राम-लखन के जीवन में कभी
होगा नहीं अंधेरा रे
जानो हे बड़ी दूर बटेयू
कर ले रैन-बसेरा रे

तुझे भूख-प्यास न लागे
मैं ऎसा मंत्र बता दुँगा
तुझे जिस पर्वत पर जाणा
मैं एक पल में पहुँचा दुँगा
स्नान-ध्यान करके तु आजा
तुझे बना लूँ चेला रे
जानो हे बड़ी दूर बटेयू
कर ले रैन-बसेरा रे

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